होना या ना होना

We kissed once!
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ये सुगंध,
जो तुम्हारे होने से है
इसी होने से है 
विरह की चीत्कार 
तुम्हारे अधरों की नमी से 
पुनर्जीवित होते भावनाओ के अवशेष 
विखरते लफ्ज़ 
और संकलित होते होठों  का 
संगम, है विहंगम दृश्य 
अधरों का ये साधारण स्पर्श 
विसर्जन है एकाकीपन का ... 

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